Tuesday, July 27, 2021

बिछड़ना

उससे बिछड़ने का अब डर सताता है ,
हर दफा जब वो दूर जाता है ,
क्या है सिर्फ दिल मे मेरे ही तस्वीर उसकी ,
या उसके भी दिल में मेरा जिक्र आता है ।

कल सा अब कुछ भी नहीं दर्मिया हमारे ,
दूरियां भी बढ़ चलीं है ,
खामोशियों के शोर ने ,
मानो कर दी कुछ हड़बड़ी है ।

है इश्क़ में बहुत उसके दीवाने ,
पर उसकी दीवानगी किस ओर है ,
खामोशी के इस मंजर में भी ,
कर रहा ये सवाल बहुत शोर है ।

कोई तो होगा मौजूद उसके भी दिल में ,
जो उसकी धड़कने बढ़ाता होगा ,
हर दफा जब कभी ,
जिक्र उसका आता होगा ।

तुमसे मिला ही क्यों मैं ,
जब इस कदर बिछड़ना था ,
होने लगी मोहब्बत को ,
अभी कुछ और वक्त अधूरा रहना था ।

खैर ये कहानी मेरी नहीं ,
तो आप ही बताइए ,
इश्क़ में भला इश्क़ के ,
सिवा और क्या चाहिए ।।

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