Tuesday, September 14, 2021

तेरा जिक्र

दिल तो लगता है अक्सर किसी से ,
पर धड़कनों पर सिर्फ तेरा ही राज है ,
बेशक वक्त दे आता हू महफिलों में ,
घर में तो बस तू ही सरताज है ।

भूल जाता हू हर शख्स को ,
और उसकी कहानियां ,
जब शुरू होती है दरमियां ,
हम दोनों की जिंदगनियां ।

रात के इस अंधेर से पहले ,
तुम मेरे ख्वाबों में आई थी ,
इस दफा पायल के संग ,
झुमके भी ले आई थी ।

आंखे खुली तो देखा ,
तुम्हारा एक पैगाम पड़ा था ,
झुमके थे कुछ रंग बिरंगे ,
जिन्हें तुमने मेरे नाम करा था ।

तुम्हारी मौजूदगी से जिंदगी में ,
सब बदलने लग जाता हैं ,
धड़कनों को भी बस ,
तेरा ही नाम भाता है ।

तुम हो मेरे खुशियों की वो ताबीज़ ,
जो हर वक्त मेरे पास है ,
हार कर भी जीत जाता हूं ,
अटूट मुझपर जो तेरा विश्वास है ।।

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